कचरा बीनने वाले के बेटे की ये कामयाबी आपको दंग कर देगी

कचरा बीनने वाले के बेटे की ये कामयाबी आपको दंग कर देगी

सेहतराग टीम

मध्यप्रदेश के देवास जिले में एक कचरा बीनने वाले के 18 वर्षीय बेटे आशाराम चौधरी ने पढ़ाई के जरिये एक अहम उपलब्धि हासिल कर अपने पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। दरअसल आशाराम चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की परीक्षा पास कर ली है और अब वह एम्स जोधपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई करेगा। आशाराम ने अपनी इस कामयाबी पर कहा है कि इस सफलता से उसे ऐसी खुशी मिली है जिसे वह शब्‍दों में बयां नहीं कर सकता। अत्यधिक गरीबी से जूझने के बावजूद उसने यह उपलब्धि हासिल की है। खासबात यह है कि आशाराम का सपना डॉक्‍टर में भी न्‍यूरोसर्जन बनने का है।

आशाराम ने कहा, ‘मैं पढ़ाई करने के लिए विदेश नहीं जाऊंगा और न ही वहां जाकर बसूंगा। मैं अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद अपने गांव आकर अपना पूरा जीवन व्यतीत करूंगा।’ उसने कहा, ‘अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद मैं देवास जिले के अपने गांव विजयागंज मंडी वापस आऊंगा और वहां एक अस्पताल खोलूंगा, ताकि वहां कोई भी व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे।’
विजयागंज मंडी गांव देवास जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर है। आशाराम ने कहा, ‘मेरी जड़ें मेरे गांव में हैं, जहां मैंने एक सरकारी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा हासिल की। बाद में मैंने देवास जिले में पढ़ाई की।’ 
उसने कहा, ‘मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। मेरे पिताजी (रणजीत चौधरी) ने पन्नियां, खाली बोतलें एवं कचरा बीनकर घर का खर्च चलाया और मुझे एवं मेरे भाई-बहन को पढ़ाया। लेकिन जब मेरा चयन एम्स के लिए हो गया, तो मैंने उनसे कहा कि अब कचरा बीनने का काम मत करो। हम उनके लिए एक छोटी सी सब्जी की दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं।’ 
आशाराम की मां ममता बाई गृहिणी हैं। छोटा भाई सीताराम (17) नवोदय विद्यालय में 12वीं की पढ़ाई कर रहा है तथा एक बहन नर्मदा (14) है, जो नौवीं में पढ़ रही है। विजयागंज मंडी गांव में आशाराम के पिता की घास-फूस की एक झोपड़ी है, जिसमें न तो शौचालय है और न ही बिजली का कनेक्शन।

आशाराम ने कहा, ‘मैं आज ही एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई करने जोधपुर जा रहा हूं। (देवास) कलेक्टर ने मुझे बस की टिकट दी है। वह मेरे साथ राज्य सरकार के एक अधिकारी को भी भेज रहे हैं। मैं उनका बहुत आभारी हूं।’

मई में आयोजित एम्स की प्रतिष्ठित चयन परीक्षा में आशाराम ने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में 141वीं रैंक हासिल की है। उसने छह मई को राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) भी पास की है। नीट में ओबीसी वर्ग में उसकी 803वीं रैंक आई है।

फोटो साभार: फर्स्‍टपोस्‍ट 

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